Tuesday, January 28, 2020

शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद से गिरफ़्तार

CAA और NRC के ख़िलाफ़ अलीगढ़ में हुए एक विरोध प्रदर्शन में कथित भड़काऊ भाषण देकर चर्चा में आए शरजील इमाम को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई और एएनआई ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है.

शरजील के ख़िलाफ़ अलीगढ़ पुलिस ने देशद्रोह और दंगा भड़काने की धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया है. असम और दिल्ली में भी इसी तरह के एफ़आईआर दर्ज हुए हैं.

शरजील का जो कथित वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें शरजील कहते हुए दिख रहे हैं, "अगर हमें असम के लोगों की मदद करनी है तो उसे भारत से कट करना होगा."

इस वीडियो और इसे लेकर उठाए जा रहे सवालों के संबंध में बीबीसी शरजील से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, मगर अभी तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया है.

अलीगढ़ से भी शरजील की गिरफ़्तारी के लिए दो टीमें भेजी गई थी. अलीगढ़ पुलिस, बिहार पुलिस और दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर शरजील को पकड़ने की कोशिश कर रही थी.

शरजील का पैतृक घर बिहार के जहानाबाद ज़िले के काको प्रखंड में पड़ता है.

शरजील की मां के नाम से जारी बयान में लिखा है, "शरजील इमाम को उस बयान के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसे मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. अब पुलिस हमें भी परेशान कर रही है. बुजुर्ग मां और दूसरे घरवालों को लगातार धमकियां देकर डराया जा रहा है. हम क़ानून में भरोसा करते हैं मगर इस तरह से कार्रवाई मानवाधिकारों का उल्लंघन है."

शरजील की मां की ओर से जारी बयान में पुलिस पर परेशान करने के लगे आरोपों पर एसपी मनीष कुमार ने कहा, "पूछताछ करना पुलिस का काम है. क्योंकि उनके परिवार के सदस्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है. इसमें परेशान करने जैसी कोई बात नहीं."

शरजील का परिवार राजनीतिक है. पिता अकबर इमाम जेडीयू के लीडर रहे हैं. 2005 में उन्होंने पार्टी के टिकट से चुनाव भी लड़ा था. पिता के गुज़र जाने पर अब भाई मुज़म्मिल स्थानीय राजनीति में एक्टिव हो गए हैं. चाचा अरशद इमाम भी जेडीयू के प्रखंड स्तर के नेता हैं.

जहानाबाद के स्थानीय पत्रकार राजन कुमार कहते हैं कि "शरजील की शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई है. वह उन दिनों में अपने मोहल्ले के सबसे तेज़ लड़कों में से थे. आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की है. बंबई से रिसर्च किया है. अभी जेएनयू से भी रिसर्च ही कर रहा है. लेकिन अब गांव से उनका कोई ख़ास कनेक्शन नहीं है. यहां आते भी हैं तो पटना में मां के पास समय बिताते हैं."

वैसे तो शरजील के भाषण से शाहीन बाग़ वाले प्रदर्शनकारियों ने ख़ुद को अलग कर लिया है. लेकिन उनके परिजन शरजील के भाषण के पक्ष में पूरी मज़बूती के साथ खड़े हैं.

नके चाचा अरशद कहते हैं, "उसने अपनी बात रखी है. इस लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक़ है. लेकिन मीडिया ने इसे बीजेपी वालों के कहने पर इस तरह से दिखा दिया कि हमारा लड़का देशद्रोही बन गया. जो लोग उसे देशद्रोही कह रहे हैं उन्हें उसका पूरा भाषण सुनना चाहिए. वह तो आंदोलन की रणनीति पर बात

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में शरजील इमाम कहते दिखते हैं, "मेरी नज़र में आगे का प्लान हमारे सामने यह होना चाहिए कि हम लोग अपना एक इंटलेक्चुअल सेल बनाएं जिसे गांधी, नेशन इन सब चीज़ों में लगाव न हो. आपको पता होना चाहिए कि 20वीं सदी का सबसे फासिस्ट लीडर गांधी ख़ुद है. कांग्रेस को हिंदू पार्टी किसने बनाया ?"

वीडियो में शरजील कहते नज़र आते हैं, "लोग हमारे पास ऑर्गनाइज़्ड हों तो हम हिंदुस्तान और नॉर्थ ईस्ट को परमानेंटली कट कर सकते हैं. परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए तो कट कर ही सकते हैं. मतलब इतना मवाद डालो पटरियों और सड़कों पर कि उन्हें हटाने में ही एक महीना लगे."

वीडियो के मुताबिक, शरजील कहते हैं, "असम और इंडिया कटकर अलग हो जाएंगे. तभी ये हमारी बात सुनेंगे. असम में जो मुसलमानों का हाल है आपको पता है. सीएए लागू हो गया वहां. डिटेंशन कैंप में लोग डाले जा रहे हैं. वहां क़त्ल-ए-आम चल रहा है. छह-आठ महीने में पता चला सारे बंगालियों को मार दिया, हिंदू हो या मुसलमान. अगर हमें असम की मदद करनी है तो असम का रास्ता बंद करना होगा."